1. हालिया बढ़ोतरी का विवरण
जुलाई 2025 में सौर वेफर की कीमतों में लगभग 45% की तेजी दर्ज की गई है।
– M10 वेफर (n-type) की कीमत:
– अप्रैल 2025: $0.157/pc ≈ ₹13.27 प्रति पीस
– जून 2025: $0.122/pc ≈ ₹10.31 प्रति पीस
– जुलाई 2025 (वृद्धि के बाद): $0.177/pc (लगभग) ≈ ₹14.96 प्रति पीस
– G12 वेफर (n-type) की कीमत:
– अप्रैल 2025: $0.199/pc ≈ ₹16.82 प्रति पीस
इस 45% वृद्धि के बाद, एक वैफर की कीमत में ₹4-5 प्रति पीस की बढ़ोतरी हुई है, जो एक बड़े स्तर पर मॉड्यूल उत्पादन की लागत को काफी प्रभावित करती है।
2. कीमतों में बढ़ोतरी के कारण
– पॉलीसिलिकॉन की कीमतों में वृद्धि (18%-23% प्रति सप्ताह)
– चीन में उत्पादन नियंत्रण और मांग अधिक
– वैफर निर्माण कंपनियों की सप्लाई में कटौती
– मॉड्यूल उत्पादन कंपनियों की ओर से वैफर की मांग अधिक
3. भारत पर असर
भारत में 90% से अधिक सौर वेफर चीन से आयात होते हैं, इसलिए इस मूल्य वृद्धि का असर सीधे भारत में मॉड्यूल और EPC लागत पर पड़ेगा।
संभावित प्रभाव:
| लागत घटक | पहले की लागत | अब की लागत (वृद्धि के बाद) |
| मॉड्यूल निर्माण लागत | ₹21.50/Wp | ₹23.00–₹23.50/Wp |
| सेल लागत (Imported) | ₹11.50/Wp | ₹13.00–₹13.50/Wp |
| EPC प्रोजेक्ट टोटल लागत | ₹36–₹38/Wp | ₹40–₹43/Wp |
कुल मिलाकर, सोलर प्लांट की लागत में ₹2–₹5 प्रति वाट की बढ़ोतरी देखी जा सकती है, खासकर Open Access या Rooftop प्रोजेक्ट्स में जहां वैफर पर निर्भरता अधिक होती है।
4. समाधान और आगे की राह
– स्थानीय वैफर उत्पादन को बढ़ावा देना (PLI स्कीम के माध्यम से)
– PERC से आगे की तकनीकों जैसे TOPCon, HJT पर निवेश बढ़ाना
– Supply chain risk को कम करने के लिए मल्टी-सोर्सिंग और इन्वेंट्री प्लानिंग
निष्कर्ष
चीन में सौर वेफर की कीमतों में आई ताजा तेजी भारत को संकेत देती है कि स्थानीय उत्पादन क्षमता बढ़ाना बेहद ज़रूरी है। वरना हर बार वैश्विक उतार-चढ़ाव का असर हमारे EPC प्रोजेक्ट्स और उपभोक्ताओं की जेब पर पड़ेगा।
यदि आप एक इंस्टॉलर, डिस्ट्रीब्यूटर या EPC कंपनी हैं — अभी से अपने प्रोजेक्ट्स की लागत में यह संभावित वृद्धि शामिल करना शुरू करें।